बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने का कमेटी द्वारा किया जा रहा प्रयास: उमेश चानना
करनाल, आशुतोष गौतम ( 17 मार्च ) बच्चे के गुम होने से बड़ा, माता-पिता और परिवार के लिए कोई दुख नहीं है। इस दुख में परिवार घर के दरवाजे पर हुई प्रत्येक आहट और मोबाईल में बजने वाली हर घंटी को ध्यान से सुनता है, शायद कहीं से बच्चे के मिलने की कोई खबर आ जाए। करनाल की जिला बाल कल्याण समिति बच्चे को परिवार से मिलाने के लिए इसी प्रकार की घंटियां बजा रहा है। यह बातें जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार चानना ने मंगलवार को नरवाना से गुम हुए 14 वर्षीय गौतम तथा कैथल से गुम हुए विशाल को परिवार सौंपते हुए कही। उन्होंने बताया कि गौतम गत 11 मार्च को नरवाना के बिट्टू भट्ठे से भागकर रेलगाड़ी में करनाल पहुंच गया वहां पर जीआरपी ने उन्हें पकडा और सीडब्लयूसी के पास भेजा मंगलवार को उनके परिवार से सम्पर्क करके उन्हें सौंप दिया गया। वहीं दूसरी और 16 मार्च को कैथल से विशाल घर से भाग गया था जिन्हें पुलिस द्वारा पकड़ा, कांऊसलर द्वारा उनसे पुछ-ताछ की गई। फिर उन्हें अंजनथली में रहने वाले उनके मामा को सौंप दिया गया। इस मौके पर जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना ने कहा कि देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का बचपन सुरक्षित करना हम सब का कत्र्तव्य है। बच्चों का बचपन जितना अधिक सुरक्षित होगा, हमारा देश उतना ही अधिक मजबूत होगा। इसी दिशा में कार्य करते हुए जिला बाल कल्याण कमेटी के चेयरमैन उमेश चानना और कमेटी के अन्य सदस्य बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। कोई भी बच्चा परिवार से न बिछड़े इसके लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। बस या ट्रेन में अकेले जा रहे छोटे बच्चों से पूछना चाहिए कि वह कहां जा रहा है और कहां से आया है। यदि लगे कि वह परिवार से बिछड़ गया है तो इसकी सूचना 100 नम्बर पर या चाईल्ड हैल्पलाईन नम्बर 1098 पर अवश्य दें, ताकि बच्चे के साथ भविष्य में कोई आपराधिक घटना न घटे और उसे परिवार से मिलाया जा सके। इस अवसर पर सदस्य शोभना चौधरी, मीना काम्बोज, चन्द्रप्रकाश तथा एन्टी ह्ूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सदस्य उपस्थित रहे।