स्वां नदी का अगर टट्टीकरण ना होता तो 1988 जैसी तबाही होती – प्रो राम कुमार
BHT news, हरोली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रो राम कुमार ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकारों द्वारा स्वां नदी का टट्टीकरण ना किया होता तो जिस तरह की अति भारी बारिश हालही में हुई है तो ऊना ज़िला में जान माल का बहुत नुक़सान हो जाता ।उन्होंने कहा कि 1988 में जब इसी तरह की मूसलाधार बारिश हुई थी तो इस नदी ने अनेकों लोगों की जान ले ली थी,लोगों के घर बहा लिए थे और स्वां व इसकी सहायक खड्डों ने फ़सले पूरी तरह से तबाह कर दीं थीं। हर बरसात में यह नदी क्षेत्र में बाड़ लाती थी इसीलिए स्वां नदी को “The River of Sorrow “ कहा जाने लगा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल जब सांसद बने तो उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष स्वां नदी का टट्टीकरण करने की ऊना ज़िला के लोगों की माँग को रखा था। 1998 में जब प्रदेश और केंद्र दोनों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें बनीं स्व अटल बिहारी बाजपेई देश के प्रधानमंत्री बनें और प्रो प्रेम कुमार धूमल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो स्वां को चैनेलाईजेशन करने की दशकों से चली आ रही ऊना बासियों की यह इच्छा पूरी हुई । स्वां नदी के साथ साथ इसकी सहायक खडों का भी चैनेलाईजेशन हुआ।हज़ारों मीट्रिक टन अनाज जो भूमि रिक्लेम हुई उसमें पैदा होने लगा।हालही में जो भयंकर बारिश पूरे प्रदेश समेत ऊना में हुई इस चैनेलाईजेशन ने ऊना को तबाही से बचा लिया ।इस तरह से स्वां नदी अब “THE RIVER OF SORROW की जगह The River of Happiness” बन गई है।