कहा: सरकार तानाशाही रवैया छोड कर देश के अन्नदाता की मांग माने
करनाल, आशुतोष गौतम। मंगलवार को अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन की बैठक का आयोजन जुंडला मंडी प्रधान आढ़ती लाला राम गोयल के नेतृत्व में किया गया। बैठक में आढ़तियों ने अपना काम काज बंद रखते हुए दिल्ली में धरने पर पंहुचे देश के किसानों के सर्मथन में केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एकत्रित आढ़तियों ने कहा कि सरकार जानबूझ कर तानाशाही रवैया अपनाए हुए है और देश के किसानों की मांग तीन अध्यादेश सरकार वापिस ले पर बात न करके किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम सर्मथन खरीद मूल्य पर कानून बनाकर उसे लागू करे। आढ़तियों ने कहा कि देश का अन्नदाता भूखे प्यासे रह कर अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहा अपितू सारे समाज की लडाई लड़ रहा है इसलिए देश के सभी नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि किसानों के इस आंदोलन में यथा संभव अपना सहयोग दे। प्रधान लाला राम गोयल ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित की अनदेखी करते हुए न केवल स्वामीनाथन की रिर्पोट को लागू नहीं किया अपितू तीन काले अध्यादेश किसानों पर थोप कर उन्हें पूर्ण रूप से बर्बाद करने की साजिश रची। आढ़ती फूल सिंह मंजूरा ने कहा कि आज देश का प्रत्येक नागरिक भाजपा की मानसिकता को पहचान चुका है और अपने हक के लिए जागृत है। इसलिए सरकार को ओच्छी राजनीति छोड़कर न केवल किसानों के साथ बात करनी चाहिए बल्कि किसानों की मांगों को तुरन्त प्रभाव से मान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश का पेट भरने वाला अन्नदाता सरकार की तानाशाही के चलते अपनी रातें सड़कों पर बिताने को मजबूर है जो कि शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना अडिय़ल रवैया तैयाग कर किसानों की मांगों की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जुंडला आढ़ती एसोसिएशन सहयोग राशि एकत्रित कर के धरने में शामिल देश के किसानों के लिए खाद्य सामग्री पंहुचाने का काम करेगी। जुंडला अनाज मंडी का हर आढ़ती किसानों के समर्थन में तन मन धन से खड़ा है और हर तरह के सर्मथन के लिए तैयार है। इस अवसर पर आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान लाला राम गोयल, माया राम, फूलसिंह मंजूरा, सुभाष रमन, मंजीत सिंह, प्रदीप रमन, सत्ता पाढ़ा, जैना बंसल, जसवंत पिचौलिया, कृष्ण प्यौंत, मुल्तान जुंडला, प्रीतम दादूपुर, हरदेव सिंह, मलखान सिंह, कर्मबीर पाढ़ा, चमेला, नरेश, जयदेव पाढ़ा, महीपाल, सुरेंद्र, नरसी आढ़ती सहित कई आढ़ती मौजूद थे।