भाखड़ा विस्थापितों के कब्जे भी नियमित करे सरकार : मोदगिल
BHT news (बंगाणा ) वर्तमान भाजपा सरकार शहरी क्षेत्रों के झुग्गी झोपड़ी वालों के कब्जे नियमित करने के लिए तत्पर है वही भाखड़ा विस्थापित अपने घरों और मकानों के सरकारी भूमि पर कब्जा को नियमित करने के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं कांग्रेस पार्टी के जिला गुना उपाध्यक्ष एवं किसान नेता ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि भाखड़ा विस्थापितों ने यह कब्जे जानबूझकर नहीं किए है। देश का सबसे बड़ा बांध बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के करीब 700 गांवों को उजड़ना पढ़ा था जिनमें से बहुत सारे हरियाणा और पंजाब में जाकर बस गए परंतु अनेक लोग अपनी मातृभूमि से लगाव के कारण हिमाचल को छोड़ नहीं जा पाए और मजबूरी में आसपास जमीन देखकर घर मकान बना लिए। करीब 60 वर्ष तक गरीबी का दंश झेल रहे इन लोगों के सरकारी जमीन पर बने मकान अभी तक नियमित नहीं हो पाए हैं बड़ी ही हैरानी की बात है कि जिन लोगों ने अपनी सोने जैसी जमीन भाखड़ा बांध बनाने के लिए दे दी उनको सरकार मकान बनाने के लिए भी जमीन नहीं दे सकी है। नाजायज कब्जे की तलवार अभी भी उन के सिर पर लटक रही है। 2 वर्ष पहले भाखड़ा विस्थापितों का एक प्रतिनिधिमंडल संगठन के अध्यक्ष देशराज मोदगिल के नेतृत्व में माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से मिला था।उन्होंने आश्वासन भी दिया था व उसके बाद माननीय जल शक्ति मंत्री श्री महेंद्र सिंह जी की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया गया है। 2 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी अभी तक इस कमेटी ने अपनी कोई रिपोर्ट नहीं दी है। सरकार को भाखड़ा विस्थापितों के कब्जों को दूसरे नजायज कब्जे की तरह नहीं लेना चाहिए क्योंकि इन्होंने यह कब्जे जानबूझकर नहीं किए बल्कि देश के लिए अपनी जमीन का बलिदान देते हुए मजबूरी में सरकारी जमीन पर घर बनाए हैं। यदि सरकार संवेदनशील होती तो इस समस्या का समाधान कब का निकल गया होता। जहां सरकार शहरी क्षेत्रों के झुग्गी झोपड़ी वालों के कब्जों को नियमित करने जा रही है सरकार से मांग है कि भाखड़ा विस्थापितों के कब्जों को भी तुरंत नियमित करें ताकि यह लोग चैन और निश्चिंत होकर अपना जीवन बसर कर सकें।
