हड़ताली क्रशर मालिकों की लीजें रद्द करे सरकार क्योंकि विकास कार्य हो रहे प्रभावित
जसवाल, ऊना ( 15 मार्च ) क्रशरों की हड़ताल से 14वें वित्तयायोग के टारगेट पूरे करने में पंचायतों को भारी दिक्कतें आ रही हैं। अब यह मांग उठने लगी है कि हड़ताली क्रशर मालिकों की लीजों को रद्द करके नए सिरे से सरकार इसे जारी करे क्योंकि इसके चलते प्रदेश में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरकार द्वारा सख्त कानून बनाने पर हिमाचल प्रदेश के क्रशर मालिक पिछले 15 दिनों से हड़ताल पर हैं। क्रशरों द्वारा यह सारी कवायद इसलिए की जा रही है तांकि हिमाचल सरकार पर दबाव बनाया जा सके। फिलहाल सरकार क्रशर मालिकों की हड़ताल शुरू होने के बाद कथित इस ब्लैकमेलिंग के आगे नही झुकी है जिसके चलते पिछले 15 दिनो से प्रदेश के क्रशर बंद पड़े हुए हैं। इससे विकास भी प्रभावित हो रहा है क्योंकि विकास कार्यों के लिए बजरी व अन्य निर्माण सामग्री नही उपलब्ध हो पा रही है। पंचायत प्रधानों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास ठप्प होकर रह गया है और 14वें वित्तायोग का टारगेट विकास कार्यों का जो 31 मार्च का मिला हुआ है वह भी पूरा नही हो पाएगा। हड़ताल की बजह से बजरी आदि निर्माण सामग्री नही पहुंच रही है वहीं सीमेंट की भी भारी कमी बनी हुई है और यह भी नही मिल रहा है। इसके चलते पंचायत क्षेत्र के विकास कार्यों मे भारी रूकावटे आ रही हैं। समूरकलां पंचायत प्रधान रीटा राणी शर्मा, लमलेहड़ी प्रधान राजेश कुमार, डंगोली प्रधान हेमराज, कुरियाला प्रधान परमजीत सिंह का कहना है कि निर्माण सामग्री की कमी से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सभी ने कहा कि सरकार का निर्देश है कि 14वें वित्तयायोग के तेहत विकास के टारगेट को 31 मार्च तक पूरा किया जाए, लेकिन ऐसे हलात में यह टारगेट पूरे करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीमेंट भी नही मिल पा रहा है ।