कानून की नजरो में सभी हैं बराबर चाहे कोई भी क्यों न हो किसी को भी इस मामले में छूट नही दी जा सकती

ऊना ( जसवाल ) सरकार के दिशा निर्देश है कि कोरोना महामारी से बचने के लिए 2 गज की दूरी आवश्यक हो तथा चेहरे पर मास्क लगाना भी जरूरी है, लेकिन कोटला कलां स्थित मंदिर में धार्मिक समागम चल रहा है और इस दौरान कोरोना महामारी के खतरे को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। जिस से यह सबाल खड़ा हो रहा है कि क्या कोई कानून से ऊपर हो सकता है। जबकि कानून की नजरो में सभी बराबर हैं और किसी को भी इस मामले में छूट नही दी जा सकती। हैरानी यह है कि धार्मिक समागम के दौरान सरकार के दिशा निर्देशों की लगातार उलंघना हो रही है। गुरुवार को ऊना मुख्यालय में धार्मिक शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बच्चे व बुजुर्गों सहित भारी संख्या में लोगों का हजूम उमड़ा और इस दौरान ना दो गज की दूरी का ध्यान रखा गया और अधिकतर लोगों के चेहरे पर से मास्क भी गायब दिखे। जिससे शहर में यह चर्चा का दौर जारी है कि अब कहां गई कोरोना महामारी और इनको नियमो से छूट किसने दी ।

धार्मिक समारोह के आयोजकों द्वारा इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर भी कई गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं । एक तरफ सरकार कोरोना महामारी के खतरे को रोकने के लिए देश में करोड़ों रुपए पानी की तरह वहा कर खर्च कर रही है तांकि कीमती जिंदगियों को बचाया जा सके। वहीं दूसरी तरफ ऊना मुख्यालय में इस खतरे को नजरअंदाज किया जा रहा है और लोगों की जिंदगिययों को खतरे में डाला जा रहा हैं। धार्मिक समागम के दौरान जिस प्रकार से सरकारी निर्देशों की अवहेलना की जा रही है उससे कोरोना महामारी के फैलने की आशंका लोगों हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले में उचित कदम उठाने चाहिए ताकि इस महामारी के चपेट में आने से बचने के लिए सरकारी नियमों का सही ढंग से पालन हो सके।