हिमाचल प्रदेश वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों छिड़े पोस्टर युद्ध को लेकर कसा तंज
कांग्रेस नेता जीएस बाली के पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना हो यां परवाणू में परिवारबाद की चाटुकारिता के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता आनंद शर्मा के मुंह पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोती कांग्रेस का कल्चर
जसवाल ( ऊना ) हिमाचल प्रदेश वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस की संस्कृति पर करारा हमला बोलते हुए इसे गुंडागर्दी, परिवारवाद और भ्रष्टाचार की जननी करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों छिड़े पोस्टर युद्ध को लेकर सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश या फिर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में यह घटना पहली बार नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर परिवारों के प्रति चाटुकारिता की परंपरा बहुत पुरानी हो चुकी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम केसरी को शिमला में मंच पर कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओ द्वारा जलील किया गया और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए और यह काम कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने गांधी परिवार की चाटुकारिता के कारण किया। इस घटना के बाद लज्जित और आहत हुए सीताराम केसरी जब दिल्ली लौटे और वहां जाते ही उनसे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छीन कर सोनिया गांधी को दे दिया था। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीएस बाली के पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना भी कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले परवाणू में परिवारबाद की चाटुकारिता के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता आनंद शर्मा के मुंह पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोती गई और इसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के मुंह पर भी कालिख पोत दी गई थी। उन्होंने कहा कि परवाणू के इसी कार्यक्रम में कांग्रेस के ही चुने हुए विधायकों विजय कुमार जोशी और ओपी रतन को मंच से उठाकर नीचे फेंक दिया गया था। परमाणु की इस ऐतिहासिक वारदात के दौरान आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर, ओपी रतन और विजय कुमार जोशी को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही बुरी तरह पीटा था और उन्हें जिंदा जलाने का प्रयास किया गया था। यह तो परवाणु की जनता या वहां की पुलिस ही जानती है कि उन्होंने कैसे इन चारों को कांग्रेस के गुंडों के चंगुल से बचाया था। सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह को कांग्रेस के ही विधायक रहते हुए वीरभद्र सिंह की मौजूदगी में अपने ही विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रम के मंच से नीचे फेंक दिया गया था। महेंद्र सिंह के साथ प्रताड़ना यहीं नहीं रुकी बाग में उन्हें गिरफ्तार करवा कर भी खूब प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद से संबंधित गुंडागर्दी इस कदर हावी हो चुकी है कि इस संगठन में लोकतांत्रिक व्यवस्था की कोई झलक दिखाई नहीं देती। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता केवल मात्र कुछ परिवारों की चाटुकारिता तक सीमित हो गए हैं। यही हाल दिल्ली में गांधी परिवार के प्रति है और यही हाल हिमाचल में कांग्रेस कार्यकर्ताओंं का अपने अपनेे नेताओं के प्रति है। सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस में संगठन से बढ़कर व्यक्ति विशेष को तरजीह दी जाती है। उन्होंनेे कहा कि प्रदेश कांग्रेस केे कार्यकर्ताओं ने जीएस बाली के पोस्टर फाड़नेेे के साथ ही परिवारवाद की पराकाष्ठा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पोस्टर तक फाड़ डाले। लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी राजनीतिक संगठन का ऐसा चेहरा जनता के लिए कभी भी प्रेरणादायक नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गुंडागर्दी को हिमाचल की जनता वरिष्ठ नेता रमेश ध्वाला के साथ 1998 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हुई वारदात में भी देख चुकी है। किस तरह कांग्रेस के गुंडों ने रमेश ध्वाला को जबरन उठाकर मारा-पीटा और जबरदस्ती रात को 2 बजे उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलवाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय पटल से लेकर निचले तबके तक राजनीति के मूल्यों का हनन ही किया है।