मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर पुलिस ने कसा शिकंजा
ऊना 17 फरवरी (जसवाल) जिला में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जिला पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदमों के सार्थक परिणाम आने शुरू हो गए हैं। पहले यहां एक साल में सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष 150 से ज्यादा लोग जान गवा देते थे, वहीं इस वर्ष उसमे बहुत अधिक कमी दर्ज की गई है। उन्होंने इस बारे आंकड़े भी पत्रकार बार्ता में सांझे किए। एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए जिला ऊना पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि पुलिस लोक निर्माण विभाग ओर एल एन टी संस्था के साथ मिलकर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई स्पॉट चिन्नित किए गए हैं, यहां पर दुर्घटना के चांस अधिक होते हैं। उस चिन्हित स्थल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यातायात नियमों की अवहेलना पर भी पुलिस चालान कर वाहन चालकों पर शिकंजा कस रही है। जिससे सलाना लगभग डेढ़ करोड़ रुपए जुर्माने के तौर पर इकठ्ठा किए जा रहे हैं। डॉपलर मशीन के जरिए वाहनों की तेज गति पर चालान करके उस पर नियंत्रण करने कोशिश कि जा रही है। जिससे सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जिस कारण वाहन दुर्घटनाओं में कमी आ रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया की माधक पदार्थों की तस्करी को लेकर पुलिस लगातार नजर बनाए हुए है। पिछले दो महीने में ही पुलिस ने चिट्टे के 21 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस की नजर मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर अब बड़े तस्करों पर है। उन्हे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस बॉर्डर के साथ लगते क्षेत्र में पंजाब के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है ओर तस्करों पर नकेल कसने की ओर पुलिस विभाग अग्रसर है। बस अड्डे के आसपास फुटपाथ पर रेहड़ी फडी बालों के अतिक्रमण को लेकर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इन पर कारवाही की जाएगी व इन्हें वहां से हटाया जाएगा। सड़क पर ओर पैदल चलने वाले मार्ग पर अतिक्रमण की इजाजत नहीं दी जाएगी। इन पर पुलिस कठोर कार्रवाई करेगी।
मंत्री के बेटे का चालान होने पर उनकी सादगी को सराहा एसपी ने – पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि मुझे भी मीडिया के माध्यम से पता चला है कि पंचायती राज मंत्री के बेटे दीपांकर कंवर का चालान तेज़ गति से वाहन चलाने पर हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर मंत्री जी के बेटे ने कोई प्रतिकार नहीं किया, व अपना चालान का मौके पर ही भुगतान कर एक मिसाल पेश की। उन्होंने अपने वी आई पी होने की कोई धोंस पुलिस कर्मचारियों पर नहीं दिखाई। यह उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो चालान होने के समय अग्रेसिव हो जाते हैं। दीपांकर कंवर ने बहुत ही सहजता से चालान भरा ओर वहां से निकल गए। उसके लिए वह सराहना के पात्र हैं।