अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो मजबूरन हमें विरोध करने के लिए सड़कों पर आना पड़ेगा
जसवाल ( ऊना) अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सरकार के द्वारा दलित ओबीसी बीपीएल बेटियों को शादी समारोह में 31000 का शगुन दे रही है हम उसका समर्थन करते हैं लेकिन स्वर्ण बच्चियों को इससे वंचित रखा जा रहा है क्या सरकार कारण बता सकती है कि हिम आंचल में स्वर्ण होना पाप है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेेेश अध्यक्ष भूूूूूूपेंद्र ठााकुर नेे कहा कि गरीब सवर्ण के घर बेटी का जन्म लेना क्या पाप है जब बेटी अनमोल रतन है तो फिर बेटियों को शगुन के नाम पर जातिवाद की भेंट क्यों चढ़ाया जा रहा है मुख्यमंत्री जी इसके ऊपर अपना स्पष्टीकरण रखें हिमाचल में 60% स्वर्ण लोगों की जनसंख्या है क्या सवर्ण हिमाचल की किसी भी लाभकारी योजना मैं अधिकार नहीं रखते मुख्यमंत्री जी खुद स्वर्ण कास्ट से हैं और विपक्ष के अध्यक्ष अग्निहोत्री जी भी स्वर्ण कास्ट से हैं आए दिन विपक्ष के नेता किसी ना किसी बात पर विधानसभा में सरकार के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करते रहते हैं । मुख्यमंत्री जी द्वारा 31000 की शगुन योजना जातिगत होने पर नेता विपक्ष ने क्यों विरोध नहीं किया। मैं इन सभी नेताओं से पूछना चाहता हूं सवर्ण विदेशी है जिनको देश की और प्रदेश की हर एक लाभकारी योजना से वंचित रखा जाता है क्या कारण है सवर्णों के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया गया है इस देश को बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले सवर्ण ही हैं इस देश को सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले सवर्ण ही हैं और प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले सवर्ण ही हैं इस देश की खातिर अपने महल जमीने और राज्य दान करने वाले स्वर्ण ही हैं ना जाने यह सरकारें किस कारण सवर्णों का इतना शोषण करती है। मेरी मुख्यमंत्री जी से विनती है जो भी योजना शुरू की जाए वह जातिवाद पर आधारित ना हो हम जो कभी नहीं चाहते कि हमारी बेटियों की इज्जत दलित बेटियों से ज्यादा हो पर कम भी नहीं होनी चाहिए। यही हमारी मांग है अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो मजबूरन हमें विरोध करने के लिए सड़कों पर आना पड़ेगा हम समानता चाहते हैं आदरणीय मुख्यमंत्री जी को यह योजना तुरंत सभी जातियों के ऊपर लागू करनी चाहिए