3 वर्षीय बच्चे के ऑपरेशन को मुख्यमंत्री राहत कोष से दिलाएंगे मदद, जनमंच में मंत्री ने दिया आश्वासन
जसवाल, ऊना (12 फरवरी)- हरोली विधानसभा क्षेत्र के पालकवाह में हुए जनमंच के दौरान पालकवाह निवासी कुलदीप चंद ने अपने 3 वर्षीय पुत्र के ऑपरेशन के लिए प्रदेश सरकार से 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद मांगी। उन्होंने कहा कि बेटे का ऑपरेशन पीजीआई चंडीगढ़ में होना है और इतना पैसा परिवार खर्च करने में असमर्थ है। इस पर जल शक्ति, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस मामले को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के सामने रखेंगे ताकि जरूरतमंद परिवार की सहायता की जा सके। भदौड़ी निवासी शबनम ने अपनी कॉलेज की फीस व किताबों के लिए आर्थिक सहायता देने का मामला उठाया। शबनम ने कहा कि वह राजकीय महाविद्यालय हरोली की छात्रा है और परिवार पढ़ाई का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है। इस पर महेंद्र सिंह ठाकुर ने डीसी ऊना संदीप कुमार को मदद करने को कहा।
हरोली निवासी सुखदेव सिंह ने खड्ड के पानी से फसलों व घरों को हो रहे नुकसान के संबंध में शिकायत की। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण विभाग तुरंत इस समस्या का समाधान निकाले। इस पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी ने कहा कि काम का टेंडर दे दिया गया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ। इस मंत्री ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कर उसे ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा चंदपुर निवासी अनिल कुमार जोशी ने रास्ते से संबंधित शिकायत दी। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले बिजली विभाग का एक खंबा लगाया गया था, जो अब रास्ते के बीच में है, जिसकी वजह से न तो एंबुलेंस उस रास्ते पर जा सकती है और न ही दूसरा कोई चार पहिया वाहन। अगर साथ लगती सरकारी भूमि में तीन फीट पर खंबा लगा दिया जाए तो लगभग 20 परिवारों की समस्या दूर हो जाएगी। अधिकारियों ने मंत्री को अवगत करवाया कि कुछ लोग खंबा बदलने का विरोध कर रहे हैं। इस पर महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर भूमि की पैमाइश की जा चुकी है तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। अगर पुलिस बस की आवश्यकता है तो उसे भी इस्तेमाल किया जाए।
जन सहयोग से समाप्त होगा अवैध खनन
जनमंच के दौरान अवैध खनन का मामला भी उठा। इस पर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जन सहयोग से ही अवैध खनन की समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकारी विभागों के प्रयास ही काफी नहीं है।अवैज्ञानिक ढंग से किया जाने वाला खनन पर्यावरण के साथ-साथ स्वां तटीयकरण के लिए भी बड़ा खतरा है। मशीनों के माध्यम से खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में अवैध खनन को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।