हजारों इंजीनियर, एमबीए, बीबीए विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बड़ा संकट
करनाल, आशुतोष गौतम (19 मई) हजारों इंजीनियर, एमबीए, बीबीए विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बड़ा संकट आ गया है। सरकार की ओर से करीब दो साल से एससी विद्यार्थियों की फीस अदा नहीं किए जाने से खफा एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सेल्फ फाइनेंस इंस्टीटयूट ऑफ हरियाणा ने बड़ा फैसला लिया है। ऑनलाइन मीटिंग कर तय किया गया है कि यदि जल्द ही राज्य सरकार ने एससी विद्यार्थियों की फीस का भुगतान नहीं किया तो निजी कालेजों में पढ़ रहे हजारों विद्यार्थियों को आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संदर्भ में सीएम मनोहर लाल खट्टर एवं उप मुयमंत्री दुष्यंत चौटाला के संज्ञान में यह लाया जाएगा। एसोसिएशन द्वारा इससे पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी से भी इस बाबत गुहार लगाई जा चुकी है। एसोसिएशन के करनाल से सदस्य विनोद सांगवान ने कहा कि कालेजों को साल 2018-19 और 2019-20 की एससी ग्रांट नहीं मिली है, जिससे संस्थानों की वित्तीय व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित है। सरकार से इस बाबत पूर्व में अपील भी की गई, लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। जिस कारण अब तय किया गया है कि यदि समय पर एससी विद्यार्थियों की ग्रांट नहीं मिली तो संबंधित विद्यार्थी परीक्षा से वंचित रहेंगे। जिसकी जिमेदारी सरकार की होगी। इस संदर्भ में एसोसिएशन की ओर से सीएम व डिप्टी सीएम के पास भी पत्र भेजा जाएगा।
समय पर नहीं मिलती है ग्रांट इसलिए कालेज होते हैं बंद:- पिछले वर्षों में प्रदेश में लगभग 80 कालेज बंद कर दिए गए हंै। कुछ कालेज वीरान पड़े हैं। कुछ ने बेच दिया है। ऐसे भी कई संस्थान हैं जहां मजबूरन स्कूल से लेकर अन्य व्यवसायिक गतिविधियां शुरू करनी पड़ी। ग्रांट को लेकर निरंतर परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके चलते अधिकांश कालेजों में नेपाल व भुटान आदि के विद्यार्थियों के दाखिले किए गए हैं।
कुछ की गलती, सजा सभी भुगत रहे:- इंजीनियरिंग में सरकार एससी और कुछ अन्य वर्ग के छात्रों को पढ़ाई करने के लिए सब्सिडी देती है। पहले यह सब्सिडी कैश दी जाती थी। बच्चों की सूची लेकर कालेजों के खातों में पैसे भेजे जाते थे, जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन एक शिकायत के बाद जब सरकार की तरफ से जांच करवाई गई तो सामने आया कि कुछ संस्थान जिनके पास इस वर्ग के बच्चों की संया तो काफी कम होती थी वो गलत दाखिले दिखाकर सरकार से मुत की सब्सिडी ले रहे थे। इसके बाद सरकार ने सीधे बच्चों को आधार से लिंक करके उनके खातों में सब्सिडी भेजनी शुरू कर दी।
बैठक में लिए गए फैसले:- कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन में चूंकि पढ़ाई प्रभावित है और परीक्षाओं को लेकर भी सवाल ाड़ा है, इसलिए विद्यार्थियों को पुराने सेमेस्टर के रिजल्ट के आधार पर उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में मौका दिया जाए। सभी कालेज सरकार की मेक इन इंडिया भावना को प्रोत्साहित करने के लिए अपने संस्थान को उद्यमियों के लिए इंजनियरिंग वर्कर्स के लिए प्रदान करने के लिए भी तैयार हैं।