ईपीएफ संचय पर 8.5 वार्षिक ब्याज जमा करने की सिफारिश
Baddi, 7 मार्च (शांति गौतम) ई.पी.एफ. के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सी.बी.टी.) की 226वीं बैठक श्रम और रोजगार रा’य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में हुई। इसमें श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव हीरालाल समारिया, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त एवं सदस्य सचिव सीबीटी ईपीएफ सुनील बर्थवाल भी उपस्थित रहे। यह जानकारी बददी स्थित ईपीएफ कार्यालय के क्षेत्रीय आयुक्त अजीत कुमार मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि ई.पी.एफ. केंद्रीय बोर्ड द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें केंद्रीय बोर्ड ने वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों के खाते में ईपीएफ संचय पर 8.5 वार्षिक ब्याज जमा करने की सिफारिश की। केंद्रीय बोर्ड ने कम्यूटेशन दिनांक से 15 वर्षों के बाद सामान्य पेंशन की बहाली की पुष्टि की और उसकी सराहना की। इससे 6.& लाख उन पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा, जिन्होंने ईपीएस 1995 के पैरा 12-ए (विलोपित) के तहत 25 सितंबर, 2008 को या उससे पहले कम्यूटेशन का विकल्प चुना था। केंद्रीय बोर्ड ने ईपीएफओ में सहायक (सहायक अनुभाग अधिकारी) के पद पर 240 उम्मीदवारों के समय पर चयन और यह भी कि 2189 सामाजिक सुरक्षा सहायकों का चयन चल रहा है की सराहना की। केंद्रीय बोर्ड ने यह भी सराहना की कि ईपीएफओ ने सफलतापूर्वक वार्ता करते हुए विभिन्न सेवा शुल्कों की माफी के बाद भारतीय स्टेट बैंक के साथ एक समझौता किया है जिसके परिणामस्वरूप ईपीएफओ को सालाना लगभग 15 करोड़ रुपए की बचत होगी। केंद्रीय बोर्ड ने जम्मू और कश्मीर में ईपीएफ देय जमा करने के लिए एक संग्रह बैंक के रूप में जम्मू और कश्मीर बैंक के मनोनयन प्रस्ताव को मंजूरी दी। बोर्ड ने सेवा के दौरान मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को देय 2.5 से 6 लाख रुपये के आश्वासन लाभ के प्रावधान को बढ़ाने की सिफारिश की। इससे पहले न्यूनतम 2.5 लाख रुपए और अधिकतम 6 लाख रुपए की आश्वासन राशि उन मामलों में देय नहीं थी जहां सदस्य ने मृत्यु के महीने से पहले 12 महीनों की निरंतर अवधि के दौरान एक से अधिक प्रतिष्ठानों में काम किया हो। अब बोर्ड ने इन लाभों को सभी सदस्य, भले ही उसने कई प्रतिष्ठानों में काम किया हो, पर लागू करने की स्वीकृति दे दी है। बोर्ड ने ई.डी.एल.आई. योजना 1976 के पैरा 28 (4) में संशोधन को मंजूरी देते हुए ऑनलाइन छूट देने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त को अधिकृत किया। इससे 25000 से अधिक प्रतिष्ठानों के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा। बैठक में नियोक्ता संघों एवं ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।