पहाड़ी दिवस पर देव सदन में कवि सम्मेलन
नीना गौतम कुल्लू, 2 नवंबर। पहाड़ी दिवस के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने देव सदन में एक संगोष्ठी और कवि सम्मेलन आयोजित किया। प्रथम सत्र में डॉ. दयानंद गौतम ने पहाड़ी बोलियों में लोकगीतों का योगदान विषय पर शोध पत्र पढ़ा तथा उस पर आमंत्रित विद्वानों द्वारा चर्चा की गई। दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विद्या शर्मा, इंदू पटियाल, पुनीत बाला, ओम शर्मा, दोतराम पहाडिय़ा, जीवनकला, सरला चम्बयाल, प्रेमला ठाकुर, रीतिका, सुमन सिक्का, डॉ. मनीष सूद, नीतिका, दीपक शर्मा, कुमुद शर्मा, इंद्र सिंह, फिरासत उल खान, शिवानी शर्मा, गायत्री, अनुज ठाकुर, अजीत कुमार, विद्या देवी, सुषमा, विपुल, किरण कुमार, शेर सिंह और कमल किशोर सहित लगभग 30 कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यपाल भटनागर ने की। जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने बताया कि एक नवंबर 1966 को पंजाब के पुनर्गठन पर तत्कालीन जिला कांगड़ा, कुल्लू और लाहुल-स्पिति को हिमाचल प्रदेश में मिला दिया गया था। हिमाचल प्रदेश के इतिहास की इस महत्वपूर्ण घटना की याद में भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग हर वर्ष एक नवंबर को पहाड़ी दिवस मनाता है। इसी कड़ी में शुक्रवार को देव सदन में पहाड़ी दिवस समारोह का आयोजन किया गया।