कोरोना काल में मुनाफाखोर की तरह आम आदमी की कमर तोड़ रही है सरकार
करनाल, आशुतोष गौतम। पेट्रोल और डीजल के दामों में 20 दिन लगातार हुई बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस ने आज करनाल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने प्रदर्शनकारी सैंकड़ों कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया। कार्यकर्ता बैल गाडिय़ों पर मोटरसाइकिलें रखकर विरोध करते नजर आए। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि पेट्रोल के दाम इतने बढ़ गए हैं कि वह बाइक में पेट्रोल नहीं डलवा सकते है, इसलिए वह बैलगाड़ी पर बाइक रख विरोध कर रहे हैं। मॉल के सामने धरना देने के बाद कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे। यहां कुमारी शैलजा ने डीसी को पेट्रोल डीजल के दाम करने को लेकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री जो स्वयं देश को चौकीदार कहते हैं उनकी चौकीदारी में सरकार मुनाफाखोरी कर रही है। चौकीदार मौन क्यों बैठे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमती गिरी हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातर बढ़ाए गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 20 रुपए प्रति लीटर बनती है और देश में यह 80 रुपए भी पार हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा आपदा के अवसर को सरकार मुनाफाखोरी के रूप में भुना रही है। यह समय आम लोगों को राहत देना का था मगर सरकार अपना मुनाफा देख रही है। प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि किसान बिजाई के लिए बैठा है। डीजल के दाम इतने बढ़ जाने से किसान सोच में पड़ गया है। खेतों में काम नहीं कर पाएगा। भाजपा सरकार ने हमेशा अन्नदाता को मारने का काम किया है। आम आदमी परेशानी में हैं। ऑटो रिक्शा, टैक्सी चालकों का काम खत्म होता जा रहा है। उपभोक्ता परेशान हैं। ट्रांसपोर्टरों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। भाजपा सरकार ने सबका जीवन प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस के राज के समय तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति बैरल 100 रुपए से उपर थी। फिर भी कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों पर नियंत्रण रखा। कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री 20 लाख करोड़ के पैकेज की बात करते हैं। वह पहले बताएं कि पिछले छह सालों में पेट्रोल डीजल की एक्साइज से जो 18 लाख करोड़ रुपए की कमाई सरकार ने की वह कहां है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में देश की जनता की आवाज उठाई जा रही है। धरना स्थल पर असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता त्रिलोचन सिंह, एआईसीसी के सदस्य सुरेश गुप्ता मतलौडा व वीरेंद्र राठौर ने मुख्य तौर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरकार को जमकर कोसा। इस अवसर पर पूर्व विधायक सुमिता सिंह, पूर्व विधायक बंता राम, नाहर सिंह संधु, रामशरण भोला, अनिल राणा, डा. नवनीत कश्यप, अरूण कुमार पंजाबी, जोगिंद्र नली, जोगिंद्र चौहान, मनीष परवेज राणा, राजबीर चौहान, मुनीष कामरा, साहिल शर्मा, इंद्रपाल विर्क, राजकिरण सहगल, व कांग्रेस सेवादल के जिला अध्यक्ष अनिल शर्मा, महिला जिला अध्यक्ष निशा देवी, संतोष तेजान व सुषमा नागपाल आदि मौजूद रहे।
चीन की घुसपैठ पर पीएम ने बोला झूठ- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि चीन के साथ झड़प में भारत के 20 वीर जवान शहीद हो गए। कांग्रेस उनको नमन करती है। उन्होंने कहा कि चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है, मगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि चीन ने देश में घुसपैठ नहीं की। पूरी दुनिया का मीडिया प्रधानमंत्री के इस वकत्वय से हैरान हैं। प्रधानमंत्री झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। सरकार को जनता के सामने झुकना होगा।
ज्ञापन में पैट्रोल और डीजल के भाव कम करने की मांग की: इसके माध्यम से कांग्रेस ने राष्ट्रपति से डीजल और पैट्रोल की कीमतों में बेहताशा बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की। इस अवसर पर राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि लॉकडाऊन के पिछले तीन माह के दौरान पैट्रोल व डीज़ल पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क और कीमतों में बार-बार की गई अनुचित बढ़ोत्तरी ने देश वासियों की असीम पीड़ा व परेशानियां बढ़ा दी हैं। जहां एक तरफ देश स्वास्थ्य व आर्थिक संकट और महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल व डीज़ल की कीमतों और उस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में मुनाफाखोरी कर रही है। उन्होंने बताया कि मई, 2014 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रु. प्रति लीटर एवं डीज़ल पर 3.46 रु. प्रति लीटर था। पिछले छ: सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने पैट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 23.78 रु. प्रति लीटर एवं डीजल पर 28.37 रु. प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी कर दी है। चौंकाने वाली बात तो है कि छह सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीज़ल के उत्पाद शुल्क में 820 प्रतिशत तथा पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 258 प्रतिशत की वृद्धि की गई। केवल पेट्रोल व डीज़ल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बार-बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने पिछले छ: सालों में 18,00,000 करोड़ रु. कमा लिए। तीन माह पहले लॉकडाऊन लगाए जाने के बाद पेट्रोल व डीज़ल पर उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ाकर तो मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की सभी हदें पार कर दी गईं। पांच मार्च को पेट्रोल व डीज़ल के मूल्य में तीन रु. प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। पांच मई को डीज़ल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 13 रु. प्रति लीटर और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रु. प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की। 7 जून से लेकर 24 जून तक जनविरोधी मोदी सरकार ने 18 दिनों तक पेट्रोल व डीज़ल के मूल्य लगातार बढ़ाए, जिससे डीज़ल का मूल्य 10.48 रु. प्रति लीटर एवं पेट्रोल का मूल्य 8.50 रु. प्रति लीटर बढ़ गया। पिछले साढ़े तीन महीनों में भाजपा सरकार ने डीज़ल पर मूल्य और उत्पाद शुल्क 26.48 रु. प्रति लीटर व पेट्रोल पर 21.50 रु. प्रति लीटर बढ़ा दिया। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल के भाव कम हुए हैं। 24 जून को कच्चे तेल का अंतर्राष्ट्रीय भाव 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो डॉलर-रुपए भाव के अनुसार 3288.71 रुपए प्रति बैरल बनता है। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं। इसलिए 24 जून, 2020 को कच्चे तेल का प्रति लीटर भाव 20.68 रु. बनता है। इसके विपरीत, पेट्रोल-डीज़ल के मूल्य आसमान छूकर 80 रु. प्रति लीटर पहुंच गए हैं। उल्लेखनीय है कि जब कांग्रेस की यूपीए सरकार केंद्र में सत्ताधीन थी, तो कच्चे तेल का दाम 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो 24 जून, 2020 को गिरकर 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया, यानि इसके मूल्य में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट हुई।
शारीरिक शिक्षकों को समर्थन दिया कुमार सैलजा ने : कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा आज मिनी सचिवालय के पास धरना दे रहे शारीरिक शिक्ष्कों कें बीच धरना स्थल पर पहुंची। उन्होंने ेकहा कि कांग्रेस पीटीआई के साथ है। उन्होंने सरकार की इस बात के लिजए आलोचना की कि सरकार ने इनको बेरोजगार कर दिया हैं। सरकार को इनका पुनर्वास करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंअपनी तरफ से उनको समर्थन दिया।