एक हजार लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 1333 रही, डीसी ने इस उपलब्धी के लिए गांव की तीन मेधावी बेटियों को पुरस्कार राशि से किया सम्मानित
करनाल, आशुतोष गौतम ( 12 मार्च ) कैलेन्डर वर्ष 2019 में असंध खण्ड के गांव जयसिंहपुरा में 1 हजार लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 1333 रही। इस बेहतर लिंगानुपात से जयसिंहपुरा ने जिले के दूसरे गांवों को राह दिखाई है। यही नहीं जनवरी 2020 में जयसिंहपुरा का सैक्स रेशो एक हजार लड़कों के पीछे रिकॉर्ड 2667 तथा फरवरी 2020 में 1571 रहा। इस उपलब्धी को लेकर गुरूवार को डीसी निशांत कुमार यादव ने सरकार की योजना के तहत इस गांव की पढ़ाई में अव्वल रही तीन बेटियों को 1 लाख 50 हजार रूपये की पुरस्कार राशि वितरित की। इन लड़कियों ने वर्ष 2018-19 में हुईमैट्रिक परीक्षा के परिणामों में सराहनीय अंक अर्जित किए थे। पुरस्कार राशि प्राप्त करने वालों में कीर्ति को 75 हजार रूपये का चैक प्रदान किया गया, कीर्ति ने मैट्रिक में 431 (71.83)अंक प्राप्त किए थे। इसी गांव की दूसरी बेटी निधी को 45 हजार रूपये का चैक दिया गया, इसने मैट्रिक में 396(66 प्रतिशत) अंक लिए। तीसरी बेटी रेनू को 30 हजार रूपये की पुरस्कार राशि दी गई, इसने इसी परीक्षा में 386 (64.3 प्रतिशत) अंक प्राप्त किए। चैक वितरित करते समय उपायुक्त ने तीनों बेटियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए पढ़ाई में इसी तरह अव्वल रहने के लिए प्रेरित किया। सिविल सर्जन करनाल डॉ. अश्वनी आहुजा तथा पीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन के नोडल डॉ. नरेश करडवाल भी इस अवसर पर मौजूद रहे। सिविल सर्जन डॉ. अश्वनी आहुजा ने डीसी को बताया कि बीते कैलेन्डर वर्ष में बेस्ट विलेज जय सिंहपुरा के अतिरिक्त इन्द्री खण्ड के गांव रांवर में भी बेहतर लिंगानुपात रहा। इसके तहत गांव में एक हजार लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 1117 रही। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इसी अवधि में घरौंडा खण्ड के गांव बड़सत में भी लिंगानुपात एक हजार के पीछे एक हजार रहा।
बेहतर लिंगानुपात वाले तीन गांवों के आंकड़े निम्र प्रकार से हैं।
वर्ष गांव आबादी लड़के लड़कियां कुल संख्या लिंगानुपात
2019 जय सिंहपुरा 5600 45 60 105 1333
2019 रांवर 5023 57 57 114 1117
2019 बड़सत 7496 82 82 174 1000
जनवरी-2020 जय सिंहपुरा 5600 3 8 11 2667
फरवरी-2020 जय सिंहपुरा 5600 7 11 18 1571
डीसी निशांत कुमार यादव ने जिला के लोगों से अपील की है कि लड़के व लड़की में कोई अंतर नही है। जब प्रकृति भी कोई अंतर नही समझती तो मनुष्य को भी लड़के और लड़की में भेद नही समझना चाहिए। लड़के की तरह लड़की को भी अच्छी शिक्षा और संस्कार दें, लड़की भी अपने माँ-बाप का नाम रोशन कर सकती है।