इंडस विवि के कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने की नीति के तहत यूनिवर्सिटी ने अपने कुछ प्रशासनिक (गैरशिक्षण) कर्मचारियों को शैक्षणिक डिग्रीयां दीं
जसवाल, ऊना (13 मार्च ) शुक्रवार को ऊना में इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रबंधको ने पत्रकारों से कहा कि फ़र्ज़ी डिग्री को लेकर इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी पर लगे आरोप झूठ का पुलंदा है। कार्था एजुकेशन सोसाइटी के सचिव जॉन नीलंकाविल ने इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऊना का नाम, कुछ अन्य यूनिवर्सिटीज से सम्बंधित फेक डिग्री स्कैम के साथ घसीटने का कड़ा संज्ञान लिया है I उन्होंने फ़र्ज़ी डिग्री को लेकर इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के बारे में छपे समाचारों को सिरे से खारिज करते हुए उसे झूठ का पुलंदा बताया है I जॉन नीलंकाविल ने कहा कि इंडस विवि ने अपने कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने को लेकर नीति बनायी है और उसी के तहत यूनिवर्सिटी ने अपने कुछ प्रशासनिक (गैरशिक्षण) कर्मचारियों को शैक्षणिक डिग्रीयां प्रदान की हैं I उन्होने बताया कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न यूनिवर्सिटीज अपने कर्मचारियों की अकादमिक और व्यावसायिक तरक्की के लिए ऐसे कोर्स करवा सकती हैं I चाहे वह पत्राचार माध्यम हो, इवनिंग कक्षाएं हों, ऑनलाइन कोर्स हों, क्रेडिट कैर्री सिस्टम हो, रिफ्रेशर कोर्स हों, इंटीग्रेटेड प्रोग्राम हों या फिर इन सर्विस ट्रेनिंग हो ! इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने भी ऐसा ही किया है और ऐसा करने का उसको नियमानुसार पूरा अधिकार है I उन्होने बताया कि जिन कर्मचारियों का उल्लेख शिकायत में किया गया है, उन्होंने डिग्री प्राप्ति के लिए आम विद्यार्थियों की तरह परीक्षा सम्बन्धी सभी नियमों का पालन किया है I उन्होने कहा कि सच्चाई तो यह है कि यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए ऐसे उपबंधों के बारे में UGC और HPPERC जैसी नियामक संस्थाओं को बाकायदा उसी समय पर सूचित किया गया था और आज तक इन संस्थाओं द्वारा इस व्यवस्था पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया गया! इसलिए इंडस विवि द्वारा जारी डिग्रीओं को किसी भी दृष्टि से फ़र्ज़ी नहीं कहा जा सकता है ! इन डिग्रीओं कि तुलना किसी अन्य यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान की गयी फेक डिग्रीओं से करना नाइंसाफी है I सचिव जॉन नीलंकाविल ने कहा कि दूसरा आरोप यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी द्वारा एक अन्य यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री के नकली होने से सम्बंधित है ! इसके बारे में सूचना मिलते ही कार्यवाही आरम्भ कर दी गयी थी तथा जैसे ही इस डिग्री के फ़र्ज़ी होने कि पुष्टि हुई, यूनिवर्सिटी ने उस कर्मचारी को तुरंत सेवामुक्त कर दिया ! उन्होंने यह भी बताया कि कुछ फ़र्ज़ी डिग्री देने वाली अन्य यूनिवर्सिटीज के विरुद्ध FIR सरकार के आदेशों अनुसार दर्ज की गयी है जबकि इंडस यूनिवर्सिटी के विरुद्ध FIR, यूनिवर्सिटी को बदनाम करने हेतु की गयी है I उन्होने कहा कि भले ही प्रदेश सरकार द्वारा इस शिकायत निवारण के लिए की जा रही कार्यवाही से सम्बंधित रिपोर्ट आने में समय लग सकता है, पर इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी हमेशा से नियमों का पालन करने वाली शिक्षण संस्थान के रूप में, पहले की तरह, किसी भी अधिकारित संस्था को इस शक के निवारण हेतु सहयोग देने के लिए तैयार है Iइंडस यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ एस रमन लयर सहित अन्य उपस्थित हुए