पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 353 मामलों का मौके पर ही किया निपटारा
करनाल, आशुतोष गौतम ( 8 फरवरी ) स्थानीय न्याययिक परिसर में शनिवार को इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायधीश जगदीप जैन के मार्गदर्शन में किया गया। इस लोक अदालत में सभी तरह के मामले रखे गए, जिनमें वाहन दुर्घटना, बैंक संबंधी, अपराधिक तथा बीमा कंपनी सम्बन्धी, वैवाहिक एवं पारिवारिक मामले शामिल थे। इस दौरान जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव अमित शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में उपमंडल असंध और इन्द्री व स्थाई लोक अदालत को मिलाकर कुल 8 बैंच बनाए गए थे, जिनमें मोटर वाहन दुर्घटना के लिए इन्श्योरैंस कम्पनी से सम्बन्धित 1 बैंच शामिल था। लोक अदालत के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए सीजेएम ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 1804 मामले रखे गए, जिनमें से 353 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। इस लोक अदालत में रखे गए मामलों से कुल 5 करोड़ 49 लाख 85 हजार 169 रुपये से ज्यादा के राजीनामे हुए। इस दौरान मोटर वाहनों के 38 केसों का निपटारा किया गया तथा चैक बाउंस के 46 केस निपटाए गए। लोक अदालत में वाहन दुर्घटना से सम्बन्धित मामलों में 3 करोड़ 89 लाख रुपये की राशि कंपनशेशन के रूप में अवार्ड की गई। चेक बाउंस के मामलों में एक करोड़ 40 लाख 1 हजार 930 रुपए की राशि के केसों को आपसी सहमति से निपटाया गया। स्थायी लोक अदालत में कुल 73 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया, जिससे एक करोड 38 लाख 94 हजार 639 रूपये की राशि के राजीनामे हुए। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का मकसद न्याय प्रक्रिया में तेजी लाना है जिससे लोगों को सुलभ और सरल तरीके से न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालत मे निर्णय दोनों पक्षों की रजामंदी से किए जाते हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं आता और सम्बन्धित पक्षों की आपसी सहमति से हुए फैसलों के दृष्टिगत कहीं अपील-दलील नहीं होती।