इग्नू की परिचय बैठक में 450 विद्यार्थियों ने की शिरकत
इग्नू समाज के सभी वर्गों को उम्दा शिक्षा देने के लिए बचनवद्ध
नीना गौतम कुल्लू, 20 अक्तूबर। राजकीय महाविद्यालय कुल्लू के सभागार में रविवार को इग्नू अध्ययन केंद्र कुल्लू 1107 ने जुलाई, 2019 सत्र के विद्यार्थियों के लिए परिचय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में लगभग 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया। परिचय बैठक में महाविद्यालय कुल्लू की प्राचार्या प्रो. वंदना वैद्य बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रही। कार्यक्रम के आरंभ में इग्नू समंवयक प्रो. सीमा शर्मा ने परंपरानुसार मुख्यातिथि का स्वागत किया। तत्पश्चात समस्त परामर्शदाताओं तथा विद्यार्थियों का अभिनंदन करते हुए अवगत कराया कि कुल्लू केंद्र में महज 8 विद्यार्थियों से वर्ष 1992 में इग्नू की शुरूआत हुई। इग्नू 1985 में स्थापित होने के पश्चात इतने कम अंतराल में ही विश्व का विशालतम उच्च शिक्षण संस्थान बन गया। आज इस केंद्र में 43 सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री कोर्स संचालित हो रहे हैं। समंवयक ने बताया कि जुलाई सत्र में कुल्लू केंद्र में 945 नये विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। जबकि पुन: पंजीकरण के साथ इनकी संख्या 1641 बनती है। जबकि जनवरी सत्र 2019 में 463 पंजीकरण व 258 पुन: पंजीकरण हुआ है। प्रो. सीमा ने बताया कि आज इग्नू के 67 क्षेत्रीय केंद्रों तथा 2981 अध्ययन केंद्रों के माध्यम से 43 हजार से अधिक परामर्शदाताओं द्वारा तीस लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। डिप्टी कोआर्डिनेटर डॉ. राजकुमार ठाकुर ने छात्रों को उनके अध्ययन से संबंधित विभिन्न एवं महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। डिप्टी समंवयक डॉ. नरेश कमल ने असाइनमेंट तथा वार्षिक परीक्षा आदि से संबंधित जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि ने सभी विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि इग्नू समाज के सभी वर्गों को विशिष्ट एवं उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए बचनवद्ध है। डिप्टी कोआर्डिनेटर डॉ. राजकुमार ठाकुर ने मुख्यातिथि, समंवयक, परामर्शदाताओं और सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। यूनेस्को ने घोषित किया है दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान प्रो. सीमा इग्नू कोआर्डिनेटर प्रो. सीमा शर्मा ने बताया कि इग्नू विशिष्ट एवं उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए बचनबद्ध है। इसमें स्थान, समय, उम्र, जाति, रंगभेद, भाषा और धर्म के लिए कोई भी स्थान नहीं है। इग्नू विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम तैयार करता है। इस बात का लोहा प्रसिद्ध शिक्षाविद् भी मान चुके हैं। उन्होंने कहा कि इग्नू से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं का अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में भी प्लेसमेंट हो रहा है। साथ ही यह विश्वविद्यालय देश का ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने सबसे पहले तिहाड़ जेल में शिक्षा मुहैया करवाने का सराहनीय प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2010 में यूनेस्को ने इग्नू को सबसे बड़ा संस्थान घोषित किया है। आज देश के 100 के करीब जेलों में स्थापित इग्नू के विशेष अध्ययन केंद्रों में हजारों जेलबंदी इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस परिचय बैठक में प्रो. राजेंद्र शर्मा, प्रो. चेतन राणा, प्रो. हेमराज शर्मा, डॉ. केसी ठाकुर, प्रो. अशोक शर्मा, प्रो. सुनयना, आरती, श्रुति शर्मा, डॉ. अशोक, प्रो. गोविंद राम सैनी, प्रो. अदिति गुलेरी, हेमंत दुग्गल, रोहित महंत, टीना कुमारी, किरन चंद, कुलवंत सिंह, प्रकाश, नारायण सिंह व जय नंद आदि उपस्थित रहे।