हिमाचल से उद्योग कंपनियों का पलायन करना दुर्भाग्यपूर्ण: बिक्रम ठाकुर
BHT news, ऊना : प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार को सत्ता में आए हुए अभी मात्र 7 माह ही हुए हैं लेकिन सरकार की लचर व्यवस्था के चलते प्रदेश से औद्योगिक इकाइयां पलायन कर रही हैं। प्रदेश से औद्योगिक इकाइयों का पलायन होना दुर्भाग्यपूर्ण है। औद्योगिक कंपनियों के पलायन करने पर पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ने जब से प्रदेश में सत्ता संभाली है तब से प्रदेश पर आफत ही आफत आई है। एक ओर जहां प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश को तहस नहस किया है तो दूसरी ओर सुक्खू सरकार की लचर व्यवस्था के चलते उद्योग कंपनियों ने भी मूंह फेरना शुरू कर दिया है। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी,बरोटीवाला,कालाअंब, पांवटा से कंपनियां निवेश करने के बजाय कर्मचारियों से बीआरएस लेकर उन्हें जबरन रिटायर कर रही है । सरकार की बेरुखी के चलते कंपनी मालिक हिमाचल में निवेश नहीं करना चाह रहे हैं । लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि आखिर व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार में ऐसा क्या हो रहा है जिससे कंपनी निवेश करने से कतरा रही है। नई कम्पनियां तो दूर यहां तक कि जो पूर्व में यहां स्थापित थी वह भी बोरी बिस्तर बन्द कर किसी और राज्यों में जाने को मजबूर हो रही हैं। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पूर्व में जयराम ठाकुर की सरकार ने धर्मशाला में इनवेस्टर मीट के तहत सैंकड़ों कंपनियों के साथ MOU साइन कर औद्योगिक कंपनियों को प्रदेश में निवेश करने का न्यौता दिया था लेकिन वर्तमान की व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार की गलत नीतियों के चलते कंपनियां निवेश करने से डर रही हैं।
‘लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि प्रदेश में स्थापित कंपनियों का पलायन करना क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है? बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने बद्दी में बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लाई थी लेकिन वर्तमान सरकार उसे भी अमलीजामा पहनाने में नाकाम रही है। इसके अलावा नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस स्थापित करने की मंजूरी दी थी वह भी वर्तमान सरकार से स्थापित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश सरकार सिर्फ अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़ी -बड़ी विदेशी कंपनियों को पलायन करने का काम कर रही है। जिससे प्रदेश और यहां के लोगों को रोजगार से भी महरूम होना पड़ रहा है। कंपनियों के पलायन से हजारों लोगों को बेरोजगार होना पड़ रहा है। ऐसे में यदि प्रदेश सरकार कंपनियों को तंग करना बंद नहीं करती है तो वह दिन भी दूर नहीं जब अन्य औद्योगिक इकाइयों पर भी ताले लटक जाएंगे।