डीएवी कॉलेज मे श्रीमद्भागवत गीता के विशेष संदर्भ के साथ ज्ञान,कर्म और भक्ति के माध्यम से मोक्ष की ओर विषय पर हुआ अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन
करनाल, आशुतोष गौतम ( 8 मार्च ) डीएवी पीजी कॉलेज में उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार के निर्देशन में आयोजित श्रीमद्भागवत गीता के विशेष संदर्भ के साथ ज्ञान, कर्म और भक्ति के माध्यम से मोक्ष की ओर अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ विधिवत रूप से मुख्य अतिथि हरियाणा सरकार के रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस रोशनलाल सैनी तथा सभी अतिथियों द्वारा माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्जवल्लित करके किया गया। संगोष्ठी मे पंहुचने पर सभी अतिथियों का कॉलेज प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी,संगोष्ठी की संयोजक डॉ राज्यश्री एंव स्टाफ सदस्यों ने पौधा युक्त गमला देकर स्वागत किया। प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता दिव्य संदेश किसी जाति विशेष, सम्प्रदाय के लिये नही है बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिये है जो सर्वभौम है। और मनुष्य को कर्म करने के लिए प्रेरित करती है ताकि मानवता का कल्याण हो। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी से निश्चित रूप से शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को गीता के महत्व से लाभ होगा। मुख्य अतिथि रिटायर्ड एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रोशन लाल ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता भगवान के मुख से निकला हुआ पवित्र संदेश है जो निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा देता है उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को धैर्य के साथ कर्म करने का प्रयत्न करना चाहिए क्योंकि कर्त्तव्य पालन करते हुए भी वह मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को श्रीमद्भागवत गीता के निरंतर अध्ययन के लिए प्रेरित किया और कहा कि वह क्रोध को त्यागकर विद्या ग्रहण करने में रुचि रखे। हेवार्ड कैलिफोर्निया से डॉ अनिता कपूर ने कहा किकि आज गीता विश्व स्तर पर एक पवित्र ग्रंथ के रूप में प्रसिद्ध है जो विश्व के देशों में भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकलने वाली वाणी को जन-जन तक पहुंचा रहा है जिससे प्रकृति के सभी जीवों का कल्याण हो सकता है। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के संस्कृत विभाग के पुर्व प्रोफेसर डॉ सुरेन्द्र मोहन मिश्र ने कहा कि गीता एक क्रान्तिकारी पवित्र ग्रंथ है जो वेदों से उपर है क्योंकि जीवन में जो नियम,सिद्धांत, नैतिक मूल्य है उन सबकी उत्पत्ति गीता से ही हुई है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में गीता का अध्ययन हो रहा है लेकिन भारतवर्ष में अभी युवाओं को गीता अध्ययन करने की आवश्यकता है तभी हम समाज में गीता के महत्व का संदेश देने में सफल होंगे। वशिष्ट अतिथि पुलिस महानिरीक्षक डॉ हरीश कुमार रंगा ने कहा कि गीता मोक्षदायिनी है जो हमें विचलित होने पर अपनी शरण में लेकर मार्गदर्शन करती है उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गीता को अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है वह कभी दुखी नहीं हो सकता उसका जीवन मंगलमय हो जाता है। वशिष्ट अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के दुरवर्ती शिक्षा निदेशालय के हिंदी विभाग के चेयरमैन डॉ कामराज संधु ने कहा कि गीता जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा देती है जो मनुष्य को मोक्ष, ज्ञान,कर्म और भक्ति का मार्ग दिखाती है। तकनीकी सत्र में अध्यक्षता डीएवी पीजी कॉलेज पेहवा के प्राचार्य डॉ. कामदेव झा ने की , रिसोर्स पर्सन के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के अंग्रेजी विभाग के पुर्व चेयरमैन प्रोफेसर डॉ दिनेश दधीचि ने कहा कि गीता कर्म योग की ओर ले जाने वाला पवित्र ग्रंथ है जो भक्ति योग से मनुष्य को ज्ञान योग की ओर लेकर जाता है। दुसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता राजकीय महिला महाविद्यालय करनाल की प्रोफेसर डॉ अनिता जून ने की । रिसोर्स पर्सन के रूप में अपने विचार रखते हुए एसडीपीजी कॉलेज पानीपत के अंग्रेजी विभाग के पुर्व विभागाध्यक्ष डॉ एसके शर्मा ने कहा कि यदि हम मानवता का कल्याण चाहते हैं तो हमें श्रीमद्भागवत गीता को घर-घर में पहुंचाना होगा तभी हम समाज में मानवता और मानवीय मूल्यों को सुरक्षित रख सकेंगे और इस समाज को बुराइयों से दूर ले जा सकेंगे। समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में करनाल नगर निगम की मेयर रेणु बाला गुप्ता ने शिरकत की। प्राचार्य डॉ रामपाल सैनी ने मेयर का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। रेणु बाला गुप्ता ने कहा कि गीता केवल पवित्र ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीने की कला है। यह ऐसी अमृत वाणी है जो योगेश्वर श्रीकृष्ण के मुख से निकली है और प्राणीयों के लिए जीवनदायिनी है। अत: हमें सदैव कर्म करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता जैसे विषयों पर इस प्रकार के आयोजन समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए होते रहने चाहिए। रिसोर्स पर्सन डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण पुर्व प्राचार्य बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की ने कहा कि गीता मनुष्यों में आत्मविश्वास पैदा करती है जिससे हम जीवन संघर्षों से पार उतर जाते हैं। जेवी जैन कालेज सहारनपुर के राजनिति विज्ञान विभाग के पुर्व विभागाध्यक्ष डॉ वीके शर्मा ने भी गीता श्लोक पर अपने विचार व्यक्त किए। रिसोर्स पर्सन डॉ पूनम वर्मा, डॉ देवी भूषण,डॉ. बीर सिहं,प्रो.डींपल,डॉ सुरेश पराशर,डॉ मिनाक्षी शर्मा,प्रो नीशा,प्रो दीपक कांबोज,ने भी सेमिनार मे विषय पर अपना पक्ष रखा। संगोष्ठी के दौरान रिसोर्स पर्सन द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों की समीक्षा भी की। कार्यक्रम की संयोजक डॉ राज्यश्री ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत कर कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ रामपाल सैनी, सेमिनार की संयोजक डॉ राज्यश्री व डॉ पूनम वर्मा सहित स्टॉफ स्दस्यों ने अतिथियों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी। कार्यक्रम मे मंच संचालन डॉ पुनम वर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स, विद्वान,शोधार्थी तथा कॉलेजों से प्राध्यापक शामिल हुए।