शिवाजी महाराज की जयंती पर विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम का आयोजन
करनाल, आशुतोष गौतम ( 19 फरवरी ) मुगल आततायियों से त्रस्त भारत में शौर्य वीरता से लबरेज एक तलवार चमकी जिसने देश के एक बहुत बड़े भूभाग को मुगलों के प्रभुत्व से मुक्त कराया। मां भवानी के आशीर्वाद से युक्त यह तलवार थी वीर शिरोमणि हिंदू साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की। शिवाजी महाराज की जयंती पर एम.डी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल, स्टोंडी में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष व निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह बात कही। उन्होंने नवीन शिक्षा संवाद कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षकों व विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंधन समिति के सदस्य रामेश्वर लाखर की। अपने उद्बोधन में डॉ. चौहान ने शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित विभिन्न वृत्तांत विद्यार्थियों के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि शिवाजी का जीवन शौर्य व वीरता की दृष्टि से तो अनुकरणीय था ही, साथ ही साथ उनका जीवन अत्यंत उच्च स्तर के चारित्रिक गुणों से भी परिपूर्ण था । दुष्ट व कुटिल मुगलों से लोहा लेते हुए उन्होंने उनकी स्त्रियों का अपमान ना तो किया और न अपने सैनिकों द्वारा होने दिया। डॉ. चौहान ने युद्ध में बंदी बनाई गई एक सुल्तान की बेगम को शिवाजी द्वारा ससम्मान वापस भिजवाने का किस्सा विद्यार्थियों से साझा किया व उपस्थित विद्यार्थियों को स्त्री सम्मान के मामले में शिवाजी के समान ही उच्च आदर्श प्रस्तुत करने का प्रण दिलाया। डा. वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने आदर्श भारतीय शासन पद्धति क़ायम की और उसके अंतर्गत फ़ारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत भाषा में राजकाज के काम का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने बेहतरीन नौसेना की स्थापना की इसलिए उन्हें भारतीय नौसेना का पिता कहकर भी पुकारा जाता है। प्रधानाचार्य सुशील कुमार ने विद्यार्थियों से शिवाजी से सीख ले विपरीत परिस्थितियों में हार ना मानने के गुणों को विकसित करने को कहा। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य जय सिंह ने अकादमी अध्यक्ष डॉ. चौहान को इस प्रकार के सार्थक आयोजन हेतु धन्यवाद प्रेषित किया। इस अवसर पर महक, मुस्कान, भावना, दीपक, दीक्षा, पारस आदि विद्यार्थियों व अरविंद, अंजू, सुमित, जगबीर, सुमन, विक्रम आदि शिक्षकों का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यार्थियों के साथ साथ विद्यालय के सभी शिक्षक भी उपस्थित थे।