फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा बैठक में डीसी ने कहा गांव में पराली जलाने की 5 से अधिक घटनाएं होने पर ग्राम सचिव व सरपंच के खिलाफ होगी कार्यवाही
अपील: किसान फसल अवशेष प्रबंधन के आधुनिक कृषि यंत्रों का करें प्रयोग
करनाल, आशुतोष गौतम। हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के तहत पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने वाली ग्राम पंचायतों को नकद राशि का पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को प्रथम पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 5 लाख रुपये व तृतीय पुरस्कार के लिए 3 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। यह पुरस्कार उन ग्राम पंचायतों को मिलेगा जिनमें पराली जलाने की कोई घटना नहीं हुई हो। यह जानकारी डीसी निशांत कुमार यादव ने बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में समीक्षा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के किसी भी गांव में पराली जलाने की घटना न हो, इसको लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं तथा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए नकद राशि देने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने एसडीएम व कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें और किसानों तक सरकार की इस प्रोत्साहन योजना का लाभ पहुंचाएं। उन्होंने विशेषकर कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे धान के फाने जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखें और सैटेलाईट के माध्यम से एग्रीकल्चर फायर लोकेशन (एएफएल) की सूचना मिलती है तो इस पर तुरंत में कार्यवाही अमल में लाई जाए और इस बारे संबंधित एसडीएम को भी सूचित करें ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णत: रोक लग सके। उन्होंने यह भी कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला की करीब 100 ग्राम पंचायतों में हैप्पी सीडर, रोटावेटर इत्यादि कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं, ग्राम सचिव व सरपंच उनका प्रयोग करवाने के लिए जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं जिन गांवों में 5 से अधिक पराली जलाने की घटना घटित हुई तो संबंधित ग्राम सचिव व सरपंच के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि आम आदमी की सुविधा हेतु पराली जलाने की सूचना देने के लिए हैल्पलाईन नम्बर 1950 जारी किया गया है। बैठक में डीडीए आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि सैटेलाईट के माध्यम से जिला में 265 पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी मिली है, इनमें से 193 की पहचान की जा चुकी है, 54 स्थानों पर पराली जलाने की घटना सही पाई गई है जिसमें से 24 किसानों पर 62500 रुपये जुर्माना लगाया गया है, शेष पर कार्यवाही जारी है। उन्होंने बताया कि 2 एकड़ तक 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5000 रुपये तथा 5 से अधिक एकड़ भूमि पर फाने जलाने पर 15000 रुपये तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिला 254 कस्टम हेयरिंग सैंटर स्थापित किए जा चुके हैं जहां पर सस्ती दरों पर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाते हैं। बैठक में एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, एसडीएम असंध साहिल गुप्ता, एसडीएम घरौंडा डा. पूजा भारती, एसडीएम इंद्री सुमित सिहाग, डीआरओ श्याम लाल, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकारी अभियंता शैलेन्द्र अरोड़ा उपस्थित रहे।