महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती 9 मई को
Baddie, 8 मई (शांति गौतम) महाराणा प्रताप के शौर्य के बारे में कौन नहीं जानता। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान राजा थे , सोलहवी शताबदी के राजपूत शासको मे सिर्फ महाराणा प्रताप ही ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे |महाराणा प्रताप युद्ध् में जाने से पहले जो कवच अपनी छाती पर लगाते थे उसका वजन ही 72 किलो था। युद्ध में अपनें दुश्मनों को धूल चटाने के लिए वह जिस भाले का इस्तेमाल करते थे उसका वजन ही 82 किलो होता था। महाराणा प्रताप की ढाल, भाला, कवच और तलवारों सब का वजन अगर मिला दें तो वह लगभग 208 किलो थे। एक ऐसा शूरवीर और बलवान योद्धा जिसके सपने देख कर ही दुश्मन डर जाता था , जिन्होने एक नही ना जाने कितनी बार मुगलो को धूल चटाई | हल्दीघाटी जिसके शौर्य और वीरता की गाथा खुद कहती है और जिनकी कहानी में हमे स्वामीधर्मनिष्ठा का प्रमाण चेतक के रूप में देखने को मिलता है| उनकी जयंती पर आप सभी अपने घरो में दीप जलाए और अपने बच्चो को उनके बारे में बताए , अपने स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताए , उनका परिचय करवाए अपने पूर्वजो की कहानियों से जिससे उनको सीख मिले और वे अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर बने , उनकी निर्णायक क्षमता बढ़े, धर्म-अर्धम का सही ज्ञान मिलने से वे अपने जीवन में सही मार्ग चुनने में समर्थ हो सके!!